पत्थरचट्टा : किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

इस लेख में हम देखेंगे कि पत्थरचट्टा : किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज में कैसे प्रयोग करें। हम यहाँ पर इसके लाभ, उपयोग करने के तरीके, और सावधानियाँ देखेंगे।

गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन एक आम स्वास्थ्य समस्या है, और इसका सही तरीके से उपचार करना महत्वपूर्ण है। बड़े पथरचट्टा को इस समस्या का निराकरण करने के लिए एक प्रमुख औषधि माना जाता है। यह लेख आपको बड़े पथरचट्टा का उपयोग करके गुर्दे की पथरी को कैसे ठीक कर सकते हैं, उसके बारे में विस्तार से बताएगा।

पत्थरचट्टा : किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

पत्थरचट्टा के फायदे (Benefits of Patharchatta)

पत्थरचट्टा (Patharchatta) में मौजूद स्वास्थ्यवर्धक गुण कई रोगों का इलाज करने में मदद करते हैं। पत्थरचट्टा पथरी (kidney stones) से लेकर स्किन से जुड़ी समस्याओं जैसे एक्ज़िमा और रैशेज आदि से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस गुणकारी और सदाबहार पौधे के इस्तेमाल से प्राप्त होने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में निम्न शामिल हैं –

1. किडनी स्टोन होने से रोके पत्थरचट्टा

किडनी के लिए पत्थरचट्टा को काफी लाभदायक औषधि माना गया है। कुछ अध्ययनों के अनुसार जिन लोगों को गुर्दे में पथरी होने का खतरा है, उनके लिए पत्थरचट्टा का इस्तेमाल करना काफी अच्छा विकल्प हो सकता है।

2. पत्थरचट्टा से करें ब्लड प्रेशर कंट्रोल

पत्थरचट्टा के पत्तों (Patharchatta leaves) से प्राप्त होने वाले रस में खास प्रकार के तत्व होते हैं, जो रक्तचाप (blood pressure levels) के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। पत्थरचट्टा का नियमित सेवन हृदय के लिए भी अच्छा रहता है।

3. त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है पत्थरचट्टा

पत्थरचट्टा के पत्तों में खास प्रकार के कंपाउंड पाए जाते हैं, जो घाव के ठीक होने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन, लालिमा व जलन जैसे लक्षणों को भी कम कर देते हैं।

4. संक्रमण को फैलने से रोकता है पत्थरचट्टा

पत्थरचट्टा पर कुछ अध्ययन किए गए और इसमें पाया गया कि इसके पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल एजेंट पाए जाते हैं, जो संक्रमण का कारण बनने वाले कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और फंगस नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।

हालांकि, पत्थरचट्टा से प्राप्त होने वाले उपरोक्त लाभ आमतौर पर कुछ प्रकार के अध्ययनों पर आधारित हैं और हर व्यक्ति के शरीर पर इसका अलग प्रभाव हो सकता है।

पत्थरचट्टा का उपयोग कैसे करें

पत्थरचट्टा का इस्तेमाल निम्न तरीकों से किया जा सकता है-

  • पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर
  • धुले हुए पत्तों को सलाद में काटकर
  • सब्जियों के साथ उबालकर
  • पीसकर त्वचा पर भी लगाया जा सकता है
पत्थरचट्टा : किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज

पथरी के लक्षण

किडनी स्टोन के लक्षण व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल होते हैं:

  • पीशाब के साथ दर्द
  • पीशाब की समस्याएँ
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • उल्टियाँ और उल्टी की भावना

समापन

किडनी स्टोन से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करना सकारात्मक प्रभावकारी हो सकता है। यदि आप पथरी के लक्षणों से पीड़ित हैं, तो कृपया एक चिकित्सक से परामर्श करें।

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