KAITHA KE FAYDE : इस देसी फल के सामने फेल हैं बड़ी-बड़ी दवाइयां, डायबिटीज होगी कोलेस्ट्रॉल बरसात में जरूर खाएं

हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है आज का यह आर्टिकल बहुत ही महत्वपूर्ण है | KAITHA KE FAYDE : इस देसी फल के सामने फेल हैं बड़ी-बड़ी दवाइयां, डायबिटीज कोलेस्ट्रॉल बरसात में जरूर खाएं जिस से आप की सेहद अच्छी रहेगी। इस फल के सेवन से डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल (Diabetes-Cholesterol) कंट्रोल में रहता है. इससे पाचन बेहतर रहती है और पाइल्स जैसी समस्या से भी राहत मिल सकती है. आइए जानते हैं क्यों इतना फायदेमंद है ये फल और कहां मिलता है…

दोस्तों आप सब जानते ही होंगे की प्रकृति ने कई ऐसे पेड़-पौधे जिनकी पत्तियां, फूल और तना किसी मेडिसिन से कम नहीं. इनका इस्तेमाल सदियों से लोग कई गंभीर बीमारियों से निजात पाने में कर रहे हैं. हालांकि आधुनिकता के दौर में समय पर इन्हें लोग भूल रहे हैं. ऐसा ही औषधीयों से भरपूर एक फल है, जिसको कैथा है. कैथा का वैज्ञानिक नाम लिमोनी एसिडिसिमा (Limonia Acidissima) है. बेल पत्थर की तरह दिखने वाला यह फल हाथियों को बेहद पसंद होता है. इसलिए दुनिया के कई हिस्सों में इसे हाथी सेब भी कहते हैं |

दोस्तों आपने कभी भले ही कैथा फल ना खाया हो, लेकिन नाम जरूर सुना होगा. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है. बता दें कि इस फल में आयरन, कैल्शियम, फोस्फोरस और जिंक भरपूर मात्रा में मिलता है. इसके अलावा इसमें विटामिन बी-1 और बी2 भी पाया जाता है. यह फल बाजार में करीब 10 रुपये में मिल जाता है |

KAITHA KE FAYDE  : इस देसी फल के सामने फेल हैं बड़ी-बड़ी दवाइयां, डायबिटीज होगी कोलेस्ट्रॉल बरसात में जरूर खाएं

लिवर और किडनी किडनी को स्वस्थ रखे

ये फल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है. कैथा के फल में कई यौगिक भी होते हैं, जो मुक्त कणों से लड़ते हैं और शरीर के बेहतर कामकाज में मदद करते हैं. कैथा का गूदा लिवर और किडनी के स्वास्थ्य की रक्षा करने में मददगार होता है. ऐसे में कैथा खाना तय करें.

यह क्यों इतना फायदेमंद

हल्का हरा और खाकी कलर के इस फल का वैज्ञानिक नाम लिमोनिया एसिडिसिमा है. इसका सेवन सेहत के लिए चमत्कारिक हो सकता है. प्रति 100 ग्राम कैथ में ही 140 कैलोरी मिल जाती है. इसमें कार्बोहाइड्रेट जबरदस्त मात्रा में पाया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इस फल में फाइबर भरपूर होता है, जो पाचन और आंत की सेहत को बेहतर बनाने का काम करता है. वुड एप्पल में विटामिन सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. विटामिन A और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भी ये फल भरपूर होता है.

हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे

कैथे का सेवन हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए लाभदायक माना जाता है. कैथा में पाया जाने रफेज और फाइबर नसों में जमा कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित है. इसे बॉडी से बाहर निकालने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी खून को लाने-ले जाने वाली धमनियों को चौड़ा करता है. इससे खून की रफ्तार बेहतर बनती है. ऐसे में हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को कैथा सेवन की सलाह दी जाती है.

डायबिटीज में दूर भगाए

दोस्तों आप को डायबिटीज है तो कैथा का सेवन डायबिटीज के लिए काफी अच्छा माना जाता ह। कैथे के पेड़ से निकलने वाले फेरोनिया गूंदा मधुमेह रोगियों के लिए कारगर दवा मानी जाती ह। यह फल रक्त प्रवाह में चीनी के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. इसके नियमित सेवन से रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम होता है। इसके अलावा ये इंसुलिन सेल्स को भी बढ़ाने में मदद करता है, ताकि वह तेजी से काम करें और शुगर मेटाबोलिज्म को आसान बनाएं।

विशेषज्ञों के अनुसार, कैथा के पेड़ के तने और शाखाओं में ‘फेरोनी गम’ नामक गोंद होता है, जो रक्त में शर्करा के प्रवाह, स्राव और संतुलन को बनाए रखने में भूमिका निभाकर मधुमेह से लड़ने में सहायक होता है.साथ ही, इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को प्रबंधित कर मधुमेह में वृद्धि नहीं होने देता है.

इन्हीं विशेषताओं को लेकर आयुर्वेदाचार्य डायबिटीज की समस्या में कैथा के फूल और छाल का भी उपयोग करते हैं.मगर, इसके फल (इसके गूदा और रस) में भी तमाम ज़रूरी पोषण, एंटी ऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधक गुण मौजूद होते हैं.इसीलिए इसे अग्न्याशय या पेन्क्रियाज के कार्य में सहायक और पेट रोगों का विशेषज्ञ माना गया है |

ख़ासतौर से, महंगी और दुष्प्रभाव वाली दवाइयों का यह सर्वोत्तम विकल्प है, जो बड़ी आसानी से और बहुत सस्ते में बाज़ार में या ऑनलाइन स्टोर पर उपलब्ध होता है.घरेलू नुस्ख़े के तौर पर इसका प्रयोग किया जा सकता है |

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कैथा के अन्य औषधीय उपयोग के बारे में जानिए

कैथा एक ऐसा औषधीय वृक्ष है जिसका प्रत्येक भाग उपयोगी है | इसलिए आयुर्वेद में इसकी पत्तियां, कच्चे और पके फल, छाल, गोंद की राल आदि सभी का उपयोग औषधीय प्रयोजन के लिए किया जाता है | साथ ही, बहुपयोगी होने के कारण विभिन्न रोगों के इलाज में इसके प्रयोग से लाभ बताये जाते हैं |

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